चंबा। ग्राम पंचायत रजेरा में स्कूली बच्चे जान जोखिम में डालकर खाई से होकर आवाजाही करने को मजबूर हैं। जोकि किसी भी समय बच्चों के लिए जानलेवा साबित हो सकता है। क्योंकि जिस रास्ते से होकर बच्चे स्कूल, कॉलेज में पढ़ाई करने के लिए जा रहे हैं। वहां पर सड़क व रास्ते का नामोनिशान मिट चुका है। इसकी वजह से पगडंडी के जरिए खाई को पार किया जा रहा है। ऐसे में अभिभावकों को हरेक समय यही डर सताता रहता है कि कहीं उनके बच्चे किसी दुर्घटना का शिकार न हो जाए। लोक निर्माण विभाग की तरफ से रजेरा-संगेड़ सड़क का निर्माण करवाया गया है। लेकिन भारी बारिश के चलते सड़क का नामोनिशान मिट चुका है। इसकी वजह से वहां पैदल चलने के लिए भी रास्ता नहीं बचा है। हैरानी इस बात की है कि सड़क की दयनीय हालत को सुधारने के लिए लोनिवि भी कोई कार्यवाही अमल में नहीं ला रहा है। इसकी वजह से ग्रामीण और स्कूली बच्चे काफी परेशान हैं।
ग्राम पंचायत रजेरा के संगेड़, बडूणा, कपालू, ककला, थलोल सहित अन्य गांवों के बच्चे रोजाना पढ़ाई करने के लिए रजेरा और चंबा जाते हैं। ऐसे में बच्चों को रोजाना खाई में बनी पगडंडी के रास्ते आवाजाही करनी पड़ रही है। बच्चों के अभिभावकों में भिंद्र सिंह, पंकज, पवन कुमार, नरेश कुमार, चमन सिंह और रमेश कुमार ने बताया कि समय रहते लोगों के चलने के लिए वहां रास्ते का निर्माण नहीं किया गया तो आने वाले समय में कोई भी अप्रिय घटना हो सकती है। इसके लिए लोक निर्माण विभाग पूर्ण रूप से जिम्मेदार होगा। क्योंकि ग्रामीण विभाग को कई बार इसके बारे में अवगत करवा चुके हैं। उन्होंने मांग की है कि बंद पड़ी सड़क को बहाल किया जाए। लोनिवि के सहायक अभियंता मीत कुमार ने बताया कि समस्या का समाधान शीघ्र करवाया जाएगा
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