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(जिला प्रभारी)चंबा। वन विभाग अब ट्रैप कैमरों के जरिए जंगल में होने वाली हरेक गतिविधि पर अपनी पैनी नजर रखेगा। इसके लिए विभाग ने अपने वन रक्षकों को जहां ट्रैप कैमरे मुहैया करवाए हैं तो वहीं उन कैमरों को चलाने के लिए भी वन रक्षकों को प्रशिक्षण दिया गया है। इससे पहले ये ट्रैप कैमरे सिर्फ वन्य प्राणी क्षेत्र में ही इस्तेमाल किये जा रहे थे। लेकिन अब वन विभाग भी इन ट्रैप कैमरों का इस्तेमाल करके जंगल में होने वाली हरेक गतिविधि पर अपनी पैनी नजर रख रहा है। जिला की संदिग्ध वन बीटों में प्राथमिकता के आधार पर इन कैमरों से निगरानी की जा रही है। इन कैमरों की खासियत यह है कि कैमरे के सामने से गुजरने वाले हरेक जानवर या व्यक्ति की तस्वीर कैद हो जाएगी। जिससे वन विभाग यह पता लगा पाएगा कि जंगल में किन लोगों ने अनावश्यक दस्तक दी। इन कैमरों का सबसे बड़ा फायदा यह भी होगा कि जंगलो में उन वन्य जीवों का भी पता लगेगा। जोकि जंगलो में फल फूल तो रहे हैं लेकिन उनके बारे में विभाग को अभी तक ज्यादा जानकारी नहीं है। ऐसे में यह ट्रैप कैमरे आने वाले समय में वन संपदा को संरक्षित करने में अहम भूमिका निभाएंगे। साथ ही वन काटूओं को पकड़ने में भी विभाग को आसानी होगी। क्योंकि कई बार विभागीय कर्मचारी जंगल में अवैध कटान का तो पता लगा लेते हैं। लेकिन पेडों को काटने वाले वन काटुओं का पकड़ना उनके लिए मुश्किल हो जाता है। ऐसे में यह ट्रैप कैमरे वन काटुओं की पहचान करने में अहम भूमिका निभाएंगे। क्योंकि जंगल में आवाजाही करने वाले लोगों की तस्वीर इन कैमरों में अवश्य कैद होगी।
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मुख्य वन अरण्यपाल अभिलाष दामोदरन ने बताया कि जंगलो में निगरानी रखने के लिए ट्रैप कैमरों को भी लगाया जा रहा है। इन कैमरों को चलाने के लिए वन रक्षकों को प्रशिक्षण भी दिया जा चुका है। कैमरों में कैद होने वाली तस्वीरों से जंगलो में होने वाली हरेक गतिविधि पर नजर रखी जाएगी।